SSLC Hindi (TL): पाठ | मात्रभूमि - मॉडल प्रश्नोत्तर

SSLC Hindi (TL): पाठ | मात्रभूमि - Model Questions

पाठ | मात्रभूमि - मॉडल प्रश्नोत्तर:

SSLC छात्राओं के परीक्षा तैयारी करने के लिए ऑनलाइन में ही घर बैठकर अभ्यास करने के लिए तृतिय भाषा हिंदी विषय का पाठ : मात्रभूमि  का मॉडल प्रश्नोत्तर यंहा पर उपलब्द किया गया है।

छात्राओं किसी भी समय इस पेज को अपने सुविधाओं के अनुसार देखकर इसका अभ्यास बार बार कर सकते है।

यह प्रश्नोत्तरों को बार बार चयन करने से, SSLC परीक्षा में अच्छे अंको को प्राप्त करने के लिए बहुत सहायता होगी।

मात्रभूमि

कविता का सारांश

कवि भगवतीचरणवर्मा जी कहते हैं कि हे मातृभूमि, तेरी पवित्र धरती पर गाँधी, बुद्ध और राम जैसे महान विभूतियोंने जन्म लिया है जिन्होंने भारत की महानता का परिचय सारे विश्व में फैलाया है। ऐसे अमरों की जननी तुम्हें शतशत बार प्रणाम.कवि वर्माजी भारत माता की प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहते हैं कि सुंदर हरे भरे खेत, फलफूलों से सुशोभित यह पवित्र भूमि भारत के वैभव को दर्शाती है। भारत की धरती में अपार खनिज संपदा होने के कारण हमारा देश ऐश्वर्यशाली है। हे, भारत माता, तुम अपने मुक्त हस्तों से लोगों को सुख - समृद्धि और धनधाम बाँटती हो इसलिए माँ तुम्हें मैं शत शत बार प्रणाम करता हूँ।हे भारत माता, हम कराड़ों देशवासी आपके आभारी हैं। न्यायप्रिय होने के कारण आपने एक हाथ में ज्ञानदीप ले रखा है जिसकी वजह से ज्ञान रूपी प्रकाश सारे विश्व में (सार्थक ज्ञान) फैलने से जगत का स्वरूप ही बदलरहा है। भारतवासियों को हे, माँ आप पर अत्यधिक गर्व है इसी एक कारण से सभी नगरवासी और ग्रामीण पूरे जोश से जय हिंद का नारा लगाते हैं, इसलिए माँ मैं आपको शत शत बार प्रणाम करता हूँ।

ಕನ್ನಡ ಸಾರಾಂಶ

ಕವಿ ಹೇಳುತ್ತಾರೆ ಹೇ ಮಾತೃಭೂಮಿ, ನಿನ್ನ ಪವಿತ್ರವಾದ ಧರೆಯ ಮೇಲೆ ಗಾಂಧಿ, ಬುದ್ಧ ಮತ್ತು ರಾಮರಂತಹ ಮಹಾನ್ ಪುರುಷರು ಜನಿಸಿದ್ದಾರೆ. ಇವರು ಭಾರತದ ಹಿರಿಮೆಯನ್ನು ಇಡೀ ಜಗತ್ತಿನಲ್ಲಿ ಪರಿಚಯಿಸಿದ್ದಾರೆ. ಅಮರ ವ್ಯಕ್ತಿಗಳ ತಾಯಿ ನಿನಗೆ ಶತ ಶತ ನಮನಗಳು. ಕವಿ ವರ್ಮರವರು ಭಾರತದ ಪ್ರಾಕೃತಿಕ ಸೌಂದರ್ಯವನ್ನು ವರ್ಣಿಸುತ್ತಾ ಹೇಳುತ್ತಾರೆ. ಇಲ್ಲಿನ ಹೊಲ-ಗದ್ದೆಗಳು ಸುಂದರವಾದ ಹಸಿರಿನಿಂದ ಕೂಡಿದೆ. ಹಣ್ಣು ಹಂಪಲು ಹಾಗೂ ಹೂವುಗಳಿಂದ ಶೋಭಿಸುವ ಈ ಪವಿತ್ರ ಭೂಮಿ ಭಾರತದ ವೈಭವವನ್ನು ಸೂಚಿಸುತ್ತದೆ ಭಾರತದ ಧರೆಯಲ್ಲಿ ಅಪಾರವಾದ ಖನಿಜ ಸಂಪನ್ಮೂಲಗಳು ದೊರಕುವ ಕಾರಣದಿಂದಾಗಿ ನಮ್ಮ ದೇಶ ಐಶ್ವರ್ಯ ಭರಿತ ದೇಶವಾಗಿದೆ. ಹೇ ಭಾರತ ಮಾತೆ, ನಿನ್ನ ಮುಕ್ತ ಹಸ್ತಗಳಿಂದ ಜನರಿಗೆ ಸುಖ-ಸಮೃದ್ಧಿ ಹಾಗೂ ಧನ ಹಾಗೂ ಆಶ್ರಯ ಸ್ಥಳವನ್ನು ಒದಗಿಸುತ್ತಿದ್ದೀಯಾ ಆದ್ದರಿಂದ ತಾಯಿ ನಿನಗೆ ಶತ ಶತ ನಮನಗಳನ್ನು ಅರ್ಪಿಸುತ್ತಿದ್ದೇನೆ.ಹೇ ಭಾರತ ಮಾತೆ | ನಮ್ಮ ದೇಶದ ಕೋಟಿ ಕೋಟಿ ಜನರು ತಮಗೆ ಕೃತಜ್ಞತೆಗಳನ್ನು ಸಲ್ಲಿಸುತ್ತಿದ್ದೇವೆ. ಹಾಗೂ ಸದಾಕಾಲ ನಿಮ್ಮ ಜೊತೆಯಲ್ಲಿಯೇ ಇದ್ದೇವೆ. ತಾಯಿ ನೀನು ನ್ಯಾಯ ಪ್ರಿಯಳಾದ್ದರಿಂದ ಒಂದು ಕೈಯಲ್ಲಿ ನ್ಯಾಯದ ಪತಾಕೆಯನ್ನು ಹಿಡಿದಿದ್ದೀಯಾ ಮತ್ತೆ ಇನ್ನೊಂದು ಕೈಯಲ್ಲಿ ಜ್ಞಾನದ ದೀಪವನ್ನು ಹಿಡಿದಿದ್ದೀಯಾ ಅದರಿಂದ ಜ್ಞಾನ ದೀಪದ ಕಿರಣಗಳು ಇಡೀ ಜಗತ್ತಿನಲ್ಲಿಯೇ ಹರಡಿರುವುದರಿಂದ ಜಗತ್ತಿನ ಸ್ವರೂಪವೇ ಬದಲಾಗುತ್ತಿದೆ. ಭಾರತದ ಜನರಿಗೆ ತಾಯಿ ನಿನ್ನ ಮೇಲೆ ಅಪಾರವಾದ ಹೆಮ್ಮೆಯಿದೆ. ಇದೇ ಒಂದು ಕಾರಣದಿಂದ ಎಲ್ಲಾ ನಗರದಲ್ಲಿ ವಾಸಿಸುತ್ತಿರುವ ಜನರು ಹಾಗೂ ಎಲ್ಲಾಗ್ರಾಮಸ್ಥರು ಸಂಪೂರ್ಣ ಉತ್ಸಾಹದಿಂದ 'ಜೈ ಹಿಂದ್' ಎಂಬ ಘೋಷಣೆಯನ್ನು ಕೂಗುತ್ತಿದ್ದಾರೆ. ಆದ್ದರಿಂದ ತಾಯಿ ನಾನು ನಿನಗೆ ಶತ ಶತ ನಮನಗಳನ್ನು ಸಲ್ಲಿಸುತ್ತೇನೆ.

प्रश्नोत्तर

एक अंक के प्रश्नोत्तर

उत्तर: मात्रभूमि कविता में कवी को देशप्रेम की झलक दिखायी देती है।

उत्तर: मात्रभूमि कविता में कवी भारत कॆ महान विभूतियों (गांधी, बुद्ध, राम) का स्मरण करते हैं ।

उत्तर: भारत माता मुक्त हस्त से सुख संपत्ती, धन-धाम बाँट रही है।

उत्तर: मात्रभूमि कविता से भारत की महानता का परिचय प्राप्त होता है।

उत्तर: भारत माता अमरों की जननी है।

उत्तर: गांधी, बुद्ध और राम मात्रभूमी के ह्रदय ( उर ) में सोये हुए हैं।

दीर्घोत्तर के प्रश्न

उत्तर: भारत माता अमरों की जननी हैं । भारत में कई महान पुरुष जन्म लिए है, जो अपने महान कार्यों से आज भी अमर हैं । कवि कहते है कि गांधी, बुद्ध और राम जैसे महान पुरुष भारत के लोगों के ह्रदय में , स्मरण में रहकर आज भी अमर हैं ।

उत्तर: कवि भगवतीचरण वर्मा जी मात्रभूमी के प्रक्रती सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहते है, भारत माता कॆ खेत हरे-भरे सुहाने है । भारतमाता के वन और उपवन फल-फूलों से भरा हुआ है । भारत भूमि के अंदर खनिजॊं का अपार संपत्ती भरा हुआ है । भारतमाता संपत्ती को उदारता से बांट रही है ।मात्रभूमी सुख- संपत्ती का धाम है । मात्रभूमी कॆ एक हाथ में न्याय पताका , दूसरे हाथ में ज्नान दीप है ।

उत्तर: कवि भगवतीचरण वर्मा जी मात्रभूमी के स्वरूप को दर्शाते हुए कहते है , कि मात्रभूमी के एक हाथ में न्याय पताका है । दूसरे हाथ में ज्नान दीप है । भारत मॆं न्याय होता है और भारतवासी सभी ज्नानवान है । कोटी – कोटी भारतवासी मात्रभूमी के साथ है, इससे मात्रभूमी जग को बदलने की शक्ती रकती है । मात्रभूमी के सकल नगर और ग्राम में जय हिंद का नाद गूंजना चाहिए ।भारत माता कॆ खेत हरे-भरे सुहाने है । भारतमाता के वन और उपवन फल-फूलों से भरा हुआ है ।


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