निबंध

खेलों का महत्व

प्रस्तावना :

खेलों की दुनिया में सदा आनंद और उल्लास का वातावरण रहता है । उत्साह का शीतल समीर बहता रहता है । खेल से तन - मन स्वस्थ होता है। मनोरंजन भी मिलता है।

खेलों के प्रकार :

खेल कई तरह के होते हैं।साधारण तया उनके दो भेद किये जाते हैं –

१. शारीरिक खेल : जिन खेलों में शारीरिक श्रम अधिक करना पड़ता है उन्हें शारीरिक खेल कहा जाता है। उदाहरण के लिए कबड्डी, हॉकी, गुल्लीडंडा, क्रिकेट, कुश्ती, फुटबाल, बैडमिंटन, तैरना, दौड़ना आदि।

२. मानसिक खेल : जिन खेलों में मानसिक श्रम अधिक होता है उन्हें मानसिक खेल कहते हैं। उदाहरण के लिए शतरंज,केरम,पासा, बकरी - बाघ खेल आदि।

लाभ :

१)जीवन में स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण स्थान है।सेहत को बनाए रखने के लिए कई लोग बहुत पैसे खर्च करते हैं।पैसे खर्च किये बिना ही अपने जीवन को स्वस्थ रखने के लिए “ खेलो - कूदो - स्वस्थ रहो – इस सूत्र को अपनाएँ।

२) राज्य और राष्ट्र के स्तर पर खिलाड़ियों को पुरस्कार दिए जाते हैं।जैसे अर्जुन, एकलव्य, द्रोणाचार्य, ध्यानचंद, राजीव खेल रत्न आदि।पुरस्कार के साथ धनराशि भी दी जाती है।

३) अच्छे – अच्छे खिलाड़ियों को और पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों को भी राज्य सरकार , केंद्र सरकार,बैंक और कई कंपनियों में नौकरी दी जाती है। पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ियों को नौकरियों की भर्ती में आरक्षण की सुविधा भी रहती है।

४) इतना ही नहीं रेल,हवाई जहाज़ आदि में सफर करने के लिए भी विशेष रूप से आरक्षण की सुविधा दी जाती है।

५) खेलों द्वारा बच्चों में धैर्य, लगन, परिश्रम, उत्साह तथा परस्पर सहयोग आदि गुणों का विकास होता है|

उप संहार :

खेल भी व्यायाम का ही एक अंग है । खेलने से हमारे अंगों की कसरत हो जाती है और हम हृष्ट - पुष्ट बनते हैं । अतः अच्छे स्वास्थ्य के लिए खेलना ज़रूरी है।

पर्यावरण प्रदूषण

अर्थ :

पर्यावरण में जैविक,अजैविक,प्राकृतिक तथा मानव निर्मित वस्तु का समावेश होता है। प्राकृतिक पर्यावरण में पेड़, झाड़ियाँ, नदी, जल, सूर्य प्रकाश, पशु, हवा आदि शामिल हैं । पर्यावरण का अर्थ है हमारे चारों ओर का परिसर या वातावरण।प्रदूषण का अर्थ है मालिन्य या दूषित ।

विषय विस्तार :

पर्यावरण में जैविक, अजैविक, प्राकृतिक तथा मानव निर्मित वस्तु का समावेश होता है। प्राकृतिक पर्यावरण में पेड़,झाड़ियाँ,नदी,जल,सूर्य प्रकाश,पशु,हवा आदि शामिल हैं।आज प्रदूषण के कारण मनुष्य मात्र नहीं प्राणियों का जीवन भी संकट में पड़ गया है । पर्यावर्ण प्रदूषण को मुख्यतः तीन प्रकार से विभाजित किया जा सकता है।

1. वायु प्रदूषण : हवा में कार्बन डै आक्सैड जा कर मिलने से वायु प्रदूषण होता है। इससे साँस से संबंधित बीमारियाँ आती हैं ।

2. जल प्रदूषण : नदि नालों में दूषित पानी या रासायनिक त्याज्य जा कर मिलने से जल प्रदूषित होती है । ऐसे पानी पीने से पेट से संबंधित कई बीमारियाँ आती हैं ।

3. शब्द प्रदूषण : शब्द की अधिकता से शब्द प्रदूषण होता है । इससे मानव शांती से जी नहीं सकते ।

उप संहार :

पर्यावरण को स्वच्छ रखना हम सभी को अपना कर्तव्य समझना चाहिए क्योंकि स्वच्छ पर्यावरण में रहकर ही स्वस्थ मनुष्य का निर्माण हो सकता है और उसका विकास हो सकता है। ‘पेड़ लगाकर जीवन बचाओ’ यह पर्यावरण को सुरक्षित बनाने की आवश्यकता है।

बेरोजगारी की समस्या

प्रस्तावना :

हमारे देश के प्रमुख अनेक समस्याओं में सर्वाधिक उप प्रमुख समस्या है- बेरोज़गारी की समस्या। भारत में बेरोज़गारी की समस्या करोड़ों में हैं।

अर्थ :

बेरोज़गार उस व्यक्ति को कहा जाता है जो योग्यता रखने पर भी और कार्य की इच्छा करते हुए भी रोज़गार प्राप्त नहीं कर पाता।

विवरण :

सबसे खराब स्थिति तो वह है जब पढ़े लिखे लोगों को भी रोज़गार प्राप्त नहीं होता। यह बेरोज़गारी देश के लिए सर्वाधिक चिंतनीय विषय है क्योंकि युवक जिससे तनाव और अवसाद से गुजरते हैं और वह गुमराह होकर उग्रवादी,आतंकवादी तक बन जाते हैं। पंजाब, कश्मीर और आसाम में आतंकवादी संगठनों में कार्य कर रहे उग्रवादियों में अधिकांश इसी प्रकार के शिक्षित बेरोज़गार युवक हैं। देश में राजनीतिक अस्थिरता उसके साथ जीवन स्तर गिर जाता है जिसका दुष्प्रभाव परिवार एवं बच्चों पर पड़ता है। बेरोज़गारी मानसिक तनाव को जन्म देती है। परिणाम स्वरूप व्यक्ति की सोच नकारात्मक हो जाती है। वह सामाजिक विरोधी एवं देश विरोधी कार्य करने में भी संकोच नहीं करता।

बेरोज़गारी के प्रमुख कारण हैं-
* तेजी से बढ़ती जनसंख्या
* मशीनी करण: आदमी की तुलना में मशीन अधिक कुशलता से एवं अधिक गुणवत्ता से काम कराता है। अंततः स्वाभाविक रूप से आदमी को हटाकर मशीन से काम लिया जाता है, फिर मशीन सैकड़ों श्रमिकों का काम एक अकेला कर देता है इससे बहुत सारे लोग बेरोज़गार हो जाते हैं।

बेरोज़गारी दूर करने के उपाय
* जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण
* विनियोग ढाँचे का परिवर्तन
* शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन
* कृषि पर आधारित उद्योग
* कुटीर उद्योग एवं लघु उद्योगों का विकास
* जनशक्ति का उचित नियोजन
* सरकारी योजनाएँ आदी

उपसंहार :

रोज़गार परक शिक्षा तथा व्यावसायिक शिक्षा पर जोर दिया जाने लगा है। लघु उद्योग एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

समूह माध्यम

परिचय :

समाचार पत्र, रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट, ईमेल और सिनेमा को जनसंचार माध्यम माना जाता है। । मास मीडिया के आविष्कार के कारण दुनिया पूरी तरह से एक घर के जैसा छोटा बन गया है।

समाचारपत्र :

यह सभी प्रकार के समाचारों और विचारों के साथ चौबीस घंटे के भीतर नाश्ते के समय हमारे दरवाज़े पर आता है। यह ज्ञान का भंडार है। अखबार के जरिए देश - विदेश की खबरों को बहुत सस्ती कीमत पर हम पढ़ सकते हैं। समाचार पत्र में सामान्य समाचार,व्यावसायिक समाचार,खेल समाचार,राजनीतिक समाचार,खोज समाचार,निर्माण समाचार प्रकाशित होते हैं।

रेडियो :

रेडियो मास मीडिया में से एक है। रेडियो, ध्वनि प्रसार के माध्यम से ध्वनि को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाता है। इसका आधार विद्युत की चुम्बकीय लहरें हैं। श्रोतागण रेडियो में सुई को अपनी मर्जी से व्यवस्थित कर अपनी पसंद का कार्यक्रम सुन सकते हैं। रेडियो द्वारा घर बैठे हर प्रकार का मनोरंजन एक क्षण में उपलब्ध हो जाता है। इसका उपयोग सरकार द्वारा प्रचार के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है।

टेलीविजन :

टेलीविजन को विज्ञान का एक अदभुत आविष्कार माना जाता है । इसको हिन्दी में दूरदर्शन कहा जाता है क्योंकि इसके द्वारा दूर की वस्तुओं के दर्शन होते हैं । दूरदर्शन पर दृश्यों को देखकर लगता है कि घटनाएँ दूर नहीं बल्कि आँखों के सामने घट रही हैं । जनता का मनोरंजन करने वाला तथा देश-दुनिया की खबर बताने वाला यह उपकरण आज बहुत लोकप्रिय हो गया है ।

लाभ :

मास मीडिया के अधिक फायदे हैं । लोग घर बैठे राज्य की राजनीति के बारे में जान सकते हैं । वे अपनी बौद्धिक परिपक्वता के अनुसार नीतियों, परिचलनों, प्रचारों का न्याय कर सकते हैं। मास मीडिया कम से कम समय के भीतर अपनी राय प्रसारित करने, विज्ञापन देने, प्रचारित करने, व्यक्त करने और प्रकाशित करने में सरकार की मदद करती है। ये सरकार के लिए आशीर्वाद और वरदान हैं।

नुकसान :

सरकार आम लोगों के ज्ञान से कुछ भी छिपाकर नहीं रख सकता है।राज्य की नीतियों की गोपनीयता बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। झूठे और आधार हीन परि संचरण को व्यक्त करते हुए मास मीडिया समस्याओं और अराजक स्थितियों का निर्माण करता है।

उपसंहार :

समुह माध्यम एक आँख की जगमगाहट के भीतर बहुत सस्ती कीमत पर लोगों को हर चीज के बारे में जागरूक करने का शक्तिशाली तरीका और साधन हैं।

स्वच्छ भारत अभियान

भूमिका :

स्वच्छ भारत अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा गांधीजी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए शुरू किया गया था। गांधीजी ने लोगों को सफाई के प्रति प्रेरित करके और नारों के द्वारा अपने स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने की कोशिश की थी लेकिन उस समय इसमें लोगों की रूचि न होने की वजह से वे असफल हो गए थे। महात्मा गांधीजी की प्रेरणा के आधार पर भारत सरकार ने इस अभियान की शुरुआत की जिसके द्वारा स्वच्छ भारत के सपने को पूरा किया जा सके।

स्वच्छ भारत अभियान कब चलाया गया :

स्वच्छ भारत अभियान को 2 अक्तूबर, 2014 को गांधीजी की 145वीं जयंती पर नई दिल्ली के राज घाट (जहाँ पर गाँधी जी का अंतिम संस्कार हुआ था) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था लेकिन इसकी शुरुआत सालों पहले महात्मा गांधीजी ने कर दी थी जो सफल नहीं हो पाई थी क्योंकि उस समय लोगों को स्वच्छता जैसे अभियान में रूचि नहीं थी।स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा करने से पहले इस अभियान की पहल 25 सितंबर, 2014 को हो गई थी जिसके बाद 2 अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा की गई थी।

स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य :

स्वच्छ भारत अभियान को बहुत से उद्देश्यों की वजह से शुरू किया गया है जिसमें से इसके कुछ उद्देश्य हैं – खुले में शौच करने की प्रथा को समाप्त करना, अस्वास्थ्यकर शौचालयों को फ्लश शौचालय में बदलना, ठोस या द्रव कचरे का दुबारा से उपयोग करना, लोगों को अच्छी आदतों के लिए प्रेरित करना, सफाई के प्रति जागरूकता फैलाना, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई की व्यवस्था को अनुकूल बनाना और लोगों में भारत में निवेश करने के लिए रूचि रखने वाले सभी निजी क्षेत्रों के लिए वातावरण को अनुकूल बनाना है।

स्वच्छ भारत अभियान का प्रभाव :

स्वच्छ भारत अभियान का पूरे भारत पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ा है। इस अभियान को सफल करने के लिए उत्तर प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में चबाने वाला पान, पान-मसाला, गुटका और अन्य प्रकार के तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।उत्तर प्रदेश में योगी जी ने इस पहल की शुरुआत सरकारी इमारत में अपनी पहली यात्रा करने के बाद की थी जब उन्होंने पान के दाग वाली दीवारों और कोनों को देखा था। स्वच्छ भारत अभियान से बहुत हद तक भारत देश में साफ-सफाई और स्वच्छता रखने की कोशिश की जा रही है।

उपसंहार :

यह अभियान एक बहुत ही अच्छी पहल है क्योंकि कहा भी गया है कि स्वच्छता ही भगवान की तरफ पहला कदम होती है। अगर स्वच्छ भारत अभियान का ठीक प्रकार से अनुसरण किया गया तो आने वाले कुछ ही सालों में पूर&#236#2366; भारत स्वच्छ और सुंदर बन जाएगा। हर स्वस्थ देश और स्वस्थ समाज को चाहिए कि उसके प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ रहे और हर तरह से स्वच्छ हो।

नागरिक के कर्तव्य

विषय प्रवेश :

भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहाँ नागरिक पूरी स्वतंत्रता के साथ रहते हैं। हर नागरिक को अपने देश पर अधिकार के साथ-साथ देश के प्रति उसके उत्तरदायित्व भी होते हैं।

नागरिक का अर्थ और अच्छे नागरिक के लक्षण :

देश के किसी भी स्थान शहर या गावँ में रहने वाले व्यक्तियों को नागरिक कहते हैं। देश के अच्छे नागरिक होने के नाते अपने गावँ, शहर, समाज, राज्य और राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व रखना चाहिए। देश के नियमों तथा कानूनों का पालन करना चाहिए। देश को समृद्ध एवं खुश हाल बनाए रखने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहिए। अच्छे नागरिक का व्यवहार देश और देशवासियों के हित में हो और देश के विकास के प्रति चिंतित रहकर अपना योगदान देना चाहिए।

नागरिक के कर्तव्य :

* संविधान के नियमों का पालन करना।
* देश के प्रति गौरव भाव अपने देश के राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रगान, राष्ट्रीय त्योहार, आदि का आदर करना।
* देश की एकता और अखंडता कायम रखना।
* देश की धरोहर की रक्षा करना और सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखना।
* जाति, धर्म, भाषा, प्रदेश, वर्ग पर आधारित भेदभावों से दूर रहना।
* वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सुधार की भावना का विकास करना।
* देश की संस्कृति और गौरवशाली परंपरा का सम्मान करना।

उपसंहार :

समाज उन लोगों को सम्मान देता है, जो अपने कर्तव्यों को सही तरीके से निर्वहन करते हैं । देश के नागरिक होने के नाते हमें इन कर्तव्यों का पालन करना चाहिए । इस देश का कल्याण होगा, अपने कर्तव्यों और नियमों का उल्लंघन करने वाला नागरिक दंड का भागे दर होगा।

जनसंख्या की समस्या

प्रस्तावना :

जनसंख्या की समस्या सामान्य रूप से विश्व की समस्या है। भारत जनसंख्या की दृष्टि में दूसरे स्थान पर है। इस समय भारत की जनसंख्या 139 करोड़ से अधिक है।

वृद्धि के कारण :

* विज्ञान की उन्नति के साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की सुविधाओं में उन्नति हुई है।
* जनसंख्या वृद्धि को रोकने में अधिक बाधक तत्व है-अशिक्षा अंधविश्वास तथा रूढ़िवादिता।
* गरीबी की मजबूरी।
* मानसिकता की समस्या।
* बाल विवाह को रोकना।

जनसंख्या विस्फोट के दुष्परिणाम :

* जनसंख्या के विस्फोट के कारण देश की प्रगति कुंठित होती है।
* बेकारी और बेरोजगारी की वजह से अपराधों में वृद्धि हुई है।
* पर्यावरण प्रदूषण की समस्याओं से बीमारियाँ फैलती है।
* वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि और दिन प्रतिदिन महँगाई बढ़ रही है।

उपचार :

* विवाह के उम्र में वृद्धि करना। परिवार नियोजन को बढ़ावा देना।
* सरकारी और गैर सरकारी संगठनों द्वारा जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।
* छोटे परिवार से होने वाले फ़ायदों का प्रचार-प्रसार करना चाहिए।
* उचित सरकारी नीतियों को अपनाना चाहिए।

उपसंहार :

जनसंख्या वृद्धि निश्चित रूप से एक समस्या है जिससे हमारे देश को दूर करने की आवश्यकता है। हमारे सरकार एन.जी.ओ. और समाज के लोगों को देश की जनसंख्या वृद्धि की समस्या को दूर करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

इंटर्नेट का महत्व

भूमिका :

आज का युग इंटरनेट युग है । इंटरनेट क्रांति से गाँव हो या शहर, देश हो या विदेश सब जगह इसका असर पड रह है। इंटरनेट का मतलब है कि अनगिनत कंप्यूटरों के कई अंतर्जाल का एक दूसरे से संबंध स्थापित करने का जाल है।

आवश्यकता :

हम एक, पल में दूर बैठे मित्र हो या रिश्तेदार हो उनसे इंटरनेट के जरिए संपर्क स्थापित कर सकते हैं। इंटरनेट द्वारा पल भर में, बिना ज्यादा खर्च किए कोई भी विचार हो, स्थिर चित्र हो, वीडियो चित्र, दुनिया के किसी भी कोने में भेजना संभव हो गया है। आज के संदर्भ में इसके बिना संचार व सूचना दोनों ही क्षेत्र ठप पड़ जाते हैं।

उपयोग :

इंटरनेट द्वारा घर बैठे-बैठे ख़रीददारी कर सकते हैं। कोई भी बिल भर सकते हैं। लाइन में घंटों खडे रहने का समय बच सकता है । इंटरनेट बैंकिंग द्वारा दुनिया की किसी भी जगह पर चाहे जितनी भी रकम भेजी जा सकती है। 'वर्चुअल मीटिंग रूम' में एक जगह बैठकर दुनिया के कई देशों के प्रतिनिधियों के साथ 8-10 दूर दर्शन के परदे पर चर्चा कर सकते हैं। इंटरनेट के कारण बहुत से लोगों को रोज़गार मिला है और सिर्फ हमारे देश में ही नहीं, कई देशों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है। 'सोशल नेटवर्किंग' के कारण देश - विदेश के लोगों की रहन - सहन, वेश भूषा, खान - पान के अलावा संस्कृति, कला आदि का प्रभाव शीघ्रातिशीघ्र हमारे समाज पर पड़ रहा है। भारत जैसे देश ई-गवर्नेन्स (ई - प्रशासन) द्वारा बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं। इंटरनेट जीवन के हर क्षेत्र में जैसे चिकित्सा, कृषि, विज्ञान, अंतरिक्ष ज्ञान, शिक्षा आदि में इंटरनेट का बहुत बड़ा योगदान है।

हानी :

इंटरनेट से कई हानियाँ हो सकती है । जैसे-पैरसी, बैंकिंग फ्रॉड, हैकिंग आदि बढ़ रही हैं । मुफ्त वेब साइट, चैटिंग आदि से बच्चे और युव पीढी फंसे हुए हैं । इससे वक्त का दुरुपयोग होता है । बच्चे अनुपयुक्त और अनावश्यक जानकरी प्राप्त करते हैं।

उपसंहार :

इंटरनेट वरदान भी है और अभिशाप भी है ।इसका उपयोग सोच समझकर करना चाहिए।

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पत्र

व्यक्तिगत पत्र

प्रवास जाने के लिए पैसे मांगते हुए पिता को पत्र

दि : 13-12-2020

प्रेषक,

   रमेश
   धारवाड

       पूज्य पिताजी,
          सादर प्रणाम।

                   मैं यहाँ सकुशल हूँ। आशा है कि आप भी कुशल होंगे|आपका पत्र मिला, पढ़कर अत्यंत खुशी हुई। मेरी पढ़ाई अच्छी तरह से चल रही है। आपकी आज्ञानुसार मन लगाकर दिन रात पढ़ाई में व्यस्त रहता हूँ। हमारे स्कूल की ओर से अगले महीने 10 तारीख से 13 तारीख तक शैक्षिक यात्रा (प्रवास)का आयोजन हुआ है। बादामी, ऐहोले, पट्टदकल्लु, हंपी आदि स्थलों को देखने मेरे सारे मित्र जा रहे हैं। उनके साथ मैं भी जाना चाहता हूँ। इसलिए मुझे रु. 2000 भेजने की कृपा करें । माताजी को मेरा प्रणाम, छोटी बहन प्रिया को ढेर सारा प्यार ।

आपका आज्ञाकारी बेटा,

रमेश            

सेवा में,
       श्री प्रभाकर बी. एम.,
       घर नं. 521, भरत निवास,
       राजेश्वरी नगर, बीदर जिला

छुट्टी के लिए आवेदन पत्र

प्रेषक,

   राजेंद्र कुमार,
   नौवीं कक्षा,
   स्वामी विवेकानंद विद्यालय,धारवाड
   दिनांक : 7-12-17

सेवा में,
    प्रधानाध्यापक,
    स्वामी विवेकानंद विद्यालय,धारवाड

         महोदय,
             विषय : छुट्टी के लिए विनती

        उपर्युक्त विषयानुसार आपसे सविनय निवेदन है कि मैं अपने भाई की शादी में शामिल होने के लिए बेंगलूरु जा रहा हूँ। इसलिए मैं पाँच दिन तक स्कूल में उपस्थित रह नहीं पाऊँगा।मुझे 8-12-2020 से 12-12-2020 तक पाँच दिन की छुट्टी प्रदान करने की कृपा करें।

धन्यवाद।

भवदीय    
राजेन्द्र कुमार

अभिभावक के हस्ताक्षर

व्यावहारिक पत्र

प्रमाण पत्र के लिए पत्र

दिनांक : 07-05-2017

प्रेषक,

   सचिन,
   नौवीं कक्षा, 'बी' विभाग,
   सरकारी हाईस्कूल,
   राजाजीनगर, बेंगलूरु-560 010

सेवा में,
    प्राचार्या,
    सरकारी हाईस्कूल,
    राजाजीनगर, बेंगलूरु-560 010.

         महोदया,
             विषय : प्रमाण पत्र हेतु

        आपसे निवेदन है कि मेरे पिताजी का तबादला मैसूरु में हो गया है। उनके साथ मुझे भी जाना होगा।अतः अनुरोध करता हूं कि मुझे नौवीं कक्षा उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र,स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र तथा चरित्र प्रमाण पत्र देने की कृपा करें।

सधन्यवाद,

आपका आज्ञाकारी छात्र,
सचिन