व्याकरण विभाग | विलोम शब्द, वचन, विराम चिह्न, लिंग, मुहावरा:
SSLC छात्राओं के परीक्षा तैयारी करने के लिए ऑनलाइन में ही घर बैठकर अभ्यास करने के लिए तृतिय भाषा हिंदी विषय का व्याकरणांश : विलोम शब्द, वचन, विराम चिह्न, लिंग, मुहावरों का मॉडल प्रश्नोत्तर यंहा पर उपलब्द किया गया है।
छात्राओं किसी भी समय इस पेज को अपने सुविधाओं के अनुसार देखकर इसका अभ्यास बार बार कर सकते है।
यह प्रश्नोत्तरों को बार बार चयन करने से, SSLC परीक्षा में अच्छे अंको को प्राप्त करने के लिए बहुत सहायता होगी।
व्याकरण विभाग
विलोम शब्द
1) शाम X सुबह
2) निकट X दूर
3) खरीदना X बेचना
4) बहुत Xथोडा
5) अच्छा X बुरा
6) शिक्षित X अशिक्षित
7) आवश्यकX अनावश्यक
8) गरीब X अमीर
9) रात X दिन
10) संदेह X निस्संदेह
11) साफ X गंदा
12) बेईमान X ईमान
13) विश्वास X अविश्वास
14) हानी X लाभ
15) सहयोग X असहयोग
16) पास X दूर
17) गम X खुशी
18) निकट X दूर
19) भीतर X बाहर
20) चढ़ना X उतरना
21) उत्तीर्ण X अनुत्तीर्ण
22) उपयोग X अनुपयोग
23) उपस्थितिXअनुपस्थिति
24) उचित X अनुचित
25) विश्वास X अविश्वास
26) प्रिय X अप्रिय
27) संतोष X असंतोष
28) स्वस्थ X अस्वस्थ
29) ईमान X बेईमान
30) होश X बेहोश
31) खबर X बेखबर
32) चैन X बेचैन
33) बलवान X बलहीन
34) शक्तिमानXशक्तिहीन
35) दयावान Xदयाहीन
36) धन X निर्धन
37) जन X निर्जन
38) बल X निर्बल
39) गुण X निर्गुण
40) आज X कल
41) नवीन X प्राचीन
42) पुरुष X स्त्री
43) नर X नारी
44) समान X असमान
45) ज्ञान X अज्ञान
46) जीत X हार
47) सफल X असफल
48) बड़ा X छोटा
49) अपना X पराया
50) पीछे X आगे
51) लेना X देना
52) आना X जाना
53) शांति X अशांति
54) बढ़्ना X घटना
55) स्थिर X अस्थिर
56) मुमकिन X नामुमकिन
57) वरदान X अभिशाप
58) दुरुपयोग X सदुपयोग
59) अनुपयुक्त X उपयुक्त
60) आगमन X निर्गमन
वचन
१) चीज – चीजें
२) किताब – किताबें
३) टाँग – टाँगें
४) आँख – आँखें
५) जगह – जगहें
६) दूकान – दूकानें
७) कोशिश – कोशिशें
८) पूँछ – पूंछें
९) खबर – खबरें
१०)चादर – चादरें
११) बात – बातें
१२) चट्टान – चट्टानें
१३) आवाज – आवाजें
१) रेवडी – रेवडियाँ
२) कहानी –कहानियाँ
३) उँगली –उँगलियाँ
४) पत्ती – पत्तियाँ
५) खिडकी – खिडकियाँ
६) हड्डी – हड्डियाँ
७) जिंदगी – जिंदगियाँ
८) मछली – मछलियाँ
९) जानकारी – जानकारियाँ
१०) लड़की – लड़कियाँ
११) चिट्ठी – चिट्ठियाँ
१२) पट्टी – पट्टियाँ
१३) जीवनशैली – जीवनशैलियाँ
१४) नाती - नातियाँ
१५) छुट्टी – छुट्टियाँ
१६) बेटी – बेटियाँ
१७) कंपनी - कंपनियाँ
१८) नौकरी – नौकरियाँ
१९) रस्सी – रस्सियाँ
२०) चोटी –चोटियाँ
२१) मूर्ति – मूर्तियाँ
२२) उपलब्धि – उपलब्धियाँ
२३) कृति – कृतियाँ
२४) नीति – नीतियाँ
२५) संस्कृति – संस्कृतियाँ
२६) पद्धति- पद्धतियाँ
२७) संधि – संधियाँ
१) फल – फल
२) घर – घर
३) फूल – फूल
४) पेड़ – पेड़
५) दोस्त – दोस्त
६) पैर - पैर
७) कंप्यूटर – कंप्यूटर
८) लोग – लोग
९) रिश्तेदार – रिश्तेदार
१०) मकान - मकान
११) जेब - जेब
१) रास्ता – रास्ते
२) रुपया – रुपये
३) पंजा – पंजे
४) लिफाफा –लिफाफे
५) कौआ – कौए
६) गमला – गमले
७) घोंसला – घोंसले
८) परदा – परदे
९) कमरा – कमरे
१०) दायरा – दायरे
११) पैसा – पैसे
१२) कपड़ा – कपड़े
१३) डिब्बा – डिब्बे
१४) बेटा – बेटे
१५) कुत्ता – कुत्ते
१६) पोता - पोते
१७) शिशा – शिशे
व्यापारी – व्यापारीगण
कर्मचारी - कर्मचारीगण
विराम चिह्न
विराम चिह्न
विराम चिह्न | चिह्न |
---|---|
अल्प विराम | , |
अर्ध विराम | ; |
पूर्ण विराम | । |
प्रश्न चिह्न | ? |
विस्मयादिबोधक चिह्न | ! |
योजक चिह्न | __ |
उद्धरण चिह्न | “ “ |
कोष्टक चिह्न | ( ) |
विवरण चिह्न | : |
जो चिह्न बोलते या पढ़ते समय रुकने का संकेत देते हैं, उन्हें विराम चिह्न कहते हैं । विराम का अर्थ है रुकना या ठहरना ।
१) अल्प विराम : इसका अर्थ है थोडी देर के लिए रुकना या ठहरना ।
२) अर्ध विराम : अल्प विराम से अधिक और पूर्ण विराम से कम रुकना हो तो अर्ध विराम का प्रयोग
होता है।
३) पूर्ण विराम : पूरी तरह रुकना या ठहरना ।
४) प्रश्नवाचक चिह्न : जिस चिह्न से प्रश्न पूछने का आभास होता है, उसे प्रश्नवाचक चिह्न कहते हैं ।
५) विस्मयादिबोधक चिह्न : इस चिह्न का प्रयोग हर्ष, विस्मय,आश्चर्य,करुणा,भय आदि भाव प्रकट
करने के लिए किया जाता है।
६) योजक चिह्न : इस चिह्न के द्वारा दो या दो से अधिक शब्दों को जोड़ा जाता है ।
७) उद्धरण चिह्न : इस चिह्न के द्वारा किसी के कथन को ज्यों का त्यों बताया जाता है, इसे उद्धरण
चिह्न कहते हैं ।
८) कोष्टक चिह्न : किसी शब्द या वाक्यांश का अर्थ स्पष्ट करने या उसकी व्याख्या करने के लिए इस
चिह्न का उपयोग होता है ।
९) विवरण चिह्न : किसी बात का उत्तर, विवरण या उदाहरण अगली पंक्ति में देना हो तो इस
चिह्न का उपयोग होता है।
लिंग
लिंग
संज्ञा के जिस रूप से उसके पुरुष या स्त्री जाति के होने का बोध होता है, उसे लिंग कहते है।
हिंदी में दो प्रकार के लिंग है ।
१) पुल्लिंग
२) स्त्रीलिंग
शब्दों के अंत में “अ” को “आ” बनाकर
लेखक – लेखिका
भैंस – भैंसा
शब्दों के अंत में अ,आ, को ई में बदलकर
मयूर – मयूरी
लड़का – लड़की
बच्चा – बच्ची
दुबला – दुबली
पतला – पतली
थैला – थैली
बेटा – बेटी
शब्दों के अंत में आ को “इया” करके
कुत्ता – कुतिया
शब्दों के अंत में अ,ई के स्थान पर इन जोड़कर
डाक्टर – डाक्टरिन
सुनार – सुनारिन
शब्दों के अंत में अ,आ,ई, उ,ए, के स्थान पर आइन जोड़कर
पंड़ित – पंड़िताइन
शब्दों के अंत में ‘अक” को “इका” बनाकर
बालक – बालिका
शब्दों के अंत में ‘आनी जोड़कर
सेठ – सीठानी
शब्दों के अंत में ‘अ” के साथ “नी” जोड़कर
श्रीमान – श्रीमती
शब्दों के अंत में “ई” के स्थान पर “इनी” जोड़कर
हाथी - हथिनी
स्वामी – स्वामिनी
शब्दों के अंत में ‘अ” के साथ “नी” जोड़कर
शेर - शेरनी
मोर – मोरनी
“ता” के स्थान पर “त्री” लगाकर
दाता – दात्री
कुछ विशेष शब्द जिनका स्रीलिंग में भिन्न प्रयोग होता है ।
भाई – बहन,
माँ – बाप,
आदमी – औरत,
पुरुष - स्त्री
मुहावरा
$ads={2}मुहावरा
“जिस वाक्यांश से प्रकट अर्थ से भिन्न अर्थ पाया जाता है, उसे मुहावरा कहते हैं।“ 'मुहावरा' शब्द अरबी भाषा का है जिसका अर्थ है 'अभ्यास होना' या 'आदी होना'। वाक्यांश शब्द से स्पष्ट है कि मुहावरा संक्षिप्त होता है, परन्तु अपने इस संक्षिप्त रूप में ही किसी बड़े विचार या भाव को प्रकट करता है।
उदाहरण
पौ फटना – प्रभात होना
काम आना – काम में आना
आँखें चुराना - अपने आप को छिपाना
आँखें दिखाना - धमकाना, डराना, गुस्सा करना
अक्ल का अंधा - मूर्ख
आस्तीन का साँप - कपटी मित्र
कान भरना - चुगली करना
आँख खुलना - सचेत होना ,होश में आना
ईद का चाँद होना – बहुत समय बाद दिखाई देना
कान खड़े होना – सावधान होना
हवा से बातें करना – बहुत तेज दौड़ना
बात का धनी – वादे का पक्का
राहत की साँस लेना - चैन की साँस लेना/तसल्ली करना
पेट पर लात मारना - नौकरी या सहूलियत छीनना
टस से मस न होना - विचलित न होना
फूला नहीं समाना - बहुत खुश होना
आँच आना - हानि पहुँचना
अँगूठा दिखा देना - वक्त आने पर इनकार करना, देने से स्पष्ट इनकार करना
हलचल मचाना - शोर मचाना
नौ दो ग्यारह हो जाना - भाग जाना
गुस्सा हवा हो जाना – क्रोध जाता रहना
चिंगारियाँ सुलगना – बहुत गुस्सा आना
दाँतों तले उँगली दबाना - आश्चर्यचकित हो जाना
भूचाल आ जाना – उत्तल पुथल हो जाना
अंगारे उगलना - क्रोध में कठोर वचन बोलना।
अपना उल्लू सीधा करना - काम निकालना/स्वार्थ पूरा करना।
आग बबूला होना - अत्यंत क्रोधित।
आसमान सिर पर उठाना – शोर करना।
कमर कसना - तैयार होना।
खून पसीना एक करना - बहुत मेहनत करना।
दाल न गलना - सफल न होना।
छक्के छुड़ाना - बुरी तरह हारना