पाठ | मेरा बचपन - मॉडल प्रश्नोत्तर:
SSLC छात्राओं के परीक्षा तैयारी करने के लिए ऑनलाइन में ही घर बैठकर अभ्यास करने के लिए तृतिय भाषा हिंदी विषय का पाठ: मेरा बचपन का मॉडल प्रश्नोत्तर यंहा पर उपलब्द किया गया है।
छात्राओं किसी भी समय इस पेज को अपने सुविधाओं के अनुसार देखकर इसका अभ्यास बार बार कर सकते है।
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मेरा बचपन
सारांश
यह डा.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की आत्मकथा है । इस आत्मकथा में कलामजी अपने बचपन किस तरह से बिता और उस समय में उन पर किन-किन व्यक्तियों का प्रभाव पड़ा है इसके बारे में लिखते हैं। उनका जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हआ | उनकी माता आशियम्मा पिता जैनुलाबदीन थे । परिवार में उनके पिता जैनुलाबदीन की कोई बहुत अच्छी औपचारिक शिक्षा नहीं हुई थी और न ही वे कोई बहुत धनी व्यक्ति थे । इसके बावजूद वे बुद्धिमान थे । कलाम प्रायः उनकी माँ के साथ ही रसोई में नीचे बैठकर खाना खाया करते थे । वे उनके सामने केले का पत्ता बिछाती और फिर उस पर चावल एवं सुगंधित , स्वादिष्ट सांबार डालती । साथ में घर का बना अचार और नारियल की ताज़ी चटनी भी देती थी । उनके पिता जैनुलाबदीन हमेशा नमाज़ के बारे में कहते हैं कि - जब हम नमाज़ पढ़ते हो तो हम अपने शरीर से इतर ब्रह्मांड का एक हिस्सा बन जाते हो; जिसमें दौलत, आयु, जाति या धर्म – पंथ का कोई भेदभाव नहीं होता । कलाम के अंतरंग मित्र जलालुद्दीन उन्हें हमेशा शिक्षित व्यक्तियों, वैज्ञानिक खोजों, समकालीन साहित्य और चिकित्सा विज्ञान की उपलब्धियों के बारे में बताते रहते थे । वही थे जिन्होंने उन्हें सीमित दायरे से बाहर निकालकर नई दुनिया का बोध कराया । उनके चचेरे भाई शम्सुद्दीन थे । वह रामेश्वरम् में अखबारों के एकमात्र वितरक थे । अखबार रामेश्वरम् स्टेशन पर सुबह की ट्रेन से पहुँचते थे, जो पामबन से आती थी। इस अखबार एजेंसी को अकेले शम्सुद्दीन ही चलाते थे । रामेश्वरम् में अखबारों की जुमला एक हजार प्रतियाँ बिकती थीं। बचपन में मेरे तीन पक्के दोस्त थे रामानंद शास्त्री, अरविंदन और शिवप्रकाश । ये तीनों ही ब्राह्मण परिवारों से थे । रामानंद शास्त्री तो रामेश्वरम् मंदिर के सबसे बड़े पुजारी पक्षी लक्ष्मण शास्त्री का बेटा था । अलग अलग धर्म , पालन - पोषण, पढाई - लिखाई को लेकर हममें से किसी भी बच्चे ने कभी भी आपस में कोई भेदभाव महसूस नहीं किया ।
ಕನ್ನಡ ಸಾರಾಂಶ
ಇದು ಡಾ. ಎ.ಪಿ.ಜೆ. ಅಬ್ದುಲ್ ಕಲಾಂ ಅವರ ಆತ್ಮಚರಿತ್ರೆ. ಈ ಆತ್ಮಚರಿತ್ರೆಯಲ್ಲಿ ಕಲಾಂ ತಮ್ಮ ಬಾಲ್ಯವನ್ನು ಯಾರೊಂದಿಗೆ ಕಳೆದರು. ಮತ್ತು ಆ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಅವರು ಯಾವ ವ್ಯಕ್ತಿಗಳಿಂದ ಪ್ರಭಾವಿತರಾಗಿದ್ದರು ಎಂಬುದನ್ನು ತಿಳಿಸಿದ್ದಾರೆ. ನಾನು ತಮಿಳುನಾಡಿನ ರಾಮೇಶ್ವರಂನಲ್ಲಿ ಜನಿಸಿದನು. ನನ್ನ ತಾಯಿ ಆಶಿಯಮ್ಮಾ ಹಾಗೂ ನನ್ನ ತಂದೆ ಜೈನುಲಾಬುದ್ದಿನ್. ನನ್ನ ತಂದೆ ಜೈನುಲಾಬುದ್ದಿನ್ ಹೆಚ್ಚಿನ ಶಿಕ್ಷಣವನ್ನು ಹೊಂದಿರಲಿಲ್ಲ. ಅಥವಾ ಅವರು ತುಂಬಾ ಶ್ರೀಮಂತ ವ್ಯಕ್ತಿಯಾಗಿರಲಿಲ್ಲ. ಆದರೆ ಅವರು ಬುದ್ದಿವಂತರಾಗಿದ್ದರು. ನಾನು ಅಡುಗೆಮನೆಯಲ್ಲಿ ನೆಲದ ಮೇಲೆ ಕುಳಿತು ಊಟ ಮಾಡುತ್ತಿದ್ದೆನು. ಅಮ್ಮ ಬಾಳೆ ಎಲೆಯನ್ನು ನನ್ನ ಮುಂದೆ ಇರಿಸಿ ನಂತರ ಅನ್ನ, ರುಚಿಯಾದ ಸಾಂಬಾರ ಬಡಿಸುತ್ತಿದ್ದಳು. ಮನೆಯಲ್ಲಿ ತಯಾರಿಸಿದ ಉಪ್ಪಿನಕಾಯಿ ಮತ್ತು ತಾಜಾ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ಚಟ್ನಿ ಕೂಡ ಇರುತ್ತಿತ್ತು. ಸಮಾಜನ ಬಗ್ಗೆ ನನ್ನ ತಂದೆಯವರು ನನಗೆ ಯಾವಾಗಲೂ ನೀವು ನಮಾಜ್ ಪಠಿಸುವಾಗ, ನಿಮ್ಮ ದೇಹವನ್ನು ಮೀರಿ ನೀವು ಬ್ರಹ್ಮಾಂಡದ ಭಾಗವಾಗುತ್ತಿಯಾ, ಇದರಲ್ಲಿ ಸಂಪತ್ತು, ವಯಸ್ಸು, ಜಾತಿ ಅಥವಾ ಧರ್ಮದ ತಾರತಮ್ಯವಿರುವುದಿಲ್ಲ. ನನ್ನ ಆತ್ಮೀಯ ಸ್ನೇಹಿತ ಜಲಾಲುದ್ದೀನ್ ಯಾವಾಗಲೂ ವಿದ್ಯಾವಂತ ವ್ಯಕ್ತಿಗಳ, ವೈಜ್ಞಾನಿಕ ಆವಿಷ್ಕಾರಗಳ, ಸಮಕಾಲೀನ ಸಾಹಿತ್ಯ ಮತ್ತು ವೈದ್ಯಕೀಯ ವಿಜ್ಞಾನದ ಸಾಧನೆಗಳ ಬಗ್ಗೆ ನನಗೆ ಮಾಹಿತಿ ನೀಡುತ್ತಿದ್ದರು. ಅವರು ನನ್ನನ್ನು ಸೀಮಿತ ಕ್ಷೇತ್ರದಿಂದ ಹೊರ ತಂದರು. ಮತ್ತು ಹೊಸ ಪ್ರಪಂಚವನ್ನು ನನಗೆ ಮನದಟ್ಟು ಮಾಡಿಕೊಟ್ಟರು. ನನ್ನ ಸೋದರ ಸಂಬಂಧಿ ಶಂಶುದ್ದೀನ ರಾಮೇಶ್ವರಂನಲ್ಲಿ ಪತ್ರಿಕೆಗಳ ಏಕೈಕ ವಿತರಕರಾಗಿದ್ದರು. ಪತ್ರಿಕೆಗಳು ಬೆಳಿಗ್ಗೆ ರೈಲಿನಲ್ಲಿ ರಾಮೇಶ್ವರಂನ ನಿಲ್ದಾಣಕ್ಕೆ ಬರುತ್ತಿದ್ದವು, ಅದು ಪಾಂಬಮನ್ನಿಂದ ಬರುತ್ತಿತ್ತು, ಈ ಪತ್ರಿಕೆಯ ಏಜೆನ್ಸಿಯನ್ನು ಶಂಸುದ್ದೀನ್ ಮಾತ್ರ ನಡೆಸುತ್ತಿದ್ದರು. ರಾಮೇಶ್ವರಂನಲ್ಲಿ ಪತ್ರಿಕೆಗಳ ಒಂದು ಸಾವಿರ ಪ್ರತಿಗಳು ಮಾರಾಟವಾಗುತ್ತಿದ್ದವು. ಬಾಲ್ಯದಲ್ಲಿ ನನಗೆ ಮೂವರು ಆಪ್ತರಾದ ಸ್ನೇಹಿತರಿದ್ದರು. ಅವರೆಂದರೆ ರಾಮಾನಂದ ಶಾಸ್ತ್ರಿ, ಅರವಿಂದನ ಮತ್ತು ಶಿವಪ್ರಕಾಶ, ಈ ಮೂವರೂ ಬ್ರಾಹ್ಮಣ ಕುಟುಂಬಗಳಿಗೆ ಸೇರಿದವರಾಗಿದ್ದರು. ರಾಮಾನಂದ ಶಾಸ್ತ್ರಿ ರಾಮೇಶ್ವರಂ ದೇವಸ್ಥಾನದ ಹಿರಿಯ ಅರ್ಚಕರಾದ ಪಕ್ಷಿ ಲಕ್ಷಣ ಶಾಸ್ತ್ರಿ ಅವರ ಮಗನಾಗಿದ್ದನು. ನಾವೆಲ್ಲರೂ ಬೇರೆ-ಬೇರೆ ಧರ್ಮದವರಾದರೂ ನಮ್ಮಲ್ಲಿ ಯಾವುದೇ ತಾರತಮ್ಯ ಇರಲಿಲ್ಲ.
प्रश्नोत्तर
रचना: हिंदी भाषा शिक्षक मंच सिद्दापुर, शिरसी शैक्षिक जिला
एक अंक के प्रश्नोत्तर
उत्तर : 'अब्दुल कलामजी का जन्म तमिलनाडू के रामेश्वरम' में हुआ था ।
उत्तर : अब्दुल कलामजी बचपन में अपने पुश्तैनी घर में रहते थे ।
उत्तर : अब्दुल कलामजी के बचपन में दुर्लभ वस्तु ' पुस्तक ' थी ।
उत्तर : अब्दुल कलामजी के चचेरे भाई शम्सुद्दीन थे ।
उत्तर : जैनुलाबदीन ने - लकडी की नौकाएं बनाने का काम शुरु किया ।
दो अंकवाले प्रश्नोत्तर
उत्तर : अब्दुल कलामजी के पिता आडंबरहीन व्यक्ति थे और सभी ऐशो - आरामवाली चीज़ों से दूर रहते थे । पर घर में सभी आवश्यक चीज़े समुचित मात्रा में सुलभता से उपलब्ध थीं । इस प्रकार अब्दुल कलामजी का बचपन बहुत ही निश्चिंतता और सादगी में बीता ।
उत्तर : आशियम्माजी अब्दुल कलामजी के सामने केले का पत्ता बिछाती और फिर उस पर चावल एवं सुगंधित स्वादिष्ट सांबार डालती, साथ में घर का बना अचार और नारियल की ताज़ी चटनी भी होती ।
उत्तर : जैनुलाबदीन नमाज के बारे में कहते है कि जब तुम नमाज़ पढ़ते हो तो तुम अपने शरीर से इतर ब्रह्मांड का एक हिस्सा बन जाते हो, जिसमें दौलत, आयु, जाति या धर्म - पंथ का कोई भेदभाव नहीं होता ' ।
उत्तर : अब्दुल कलामजी के पिताजी जैनुलाबदीन स्थानीय ठेकेदार अहमद जलालुद्दीन के साथ समुद्र तट के पास नौकाएं बनाने का काम शुरु किया ।
चार अंकवाले प्रश्नोत्तर
उत्तर : शम्सुददीन रामेश्वरम में अखबारों के एकमात्र वितरक थे । अखबार रामेश्वरम स्टेशन पर सुबह की ट्रेन से पहँचते थे, जो पामबन से आती थी । इस अखबार की एजेंसी को अकेले शम्सुद्दीन ही चलाते थे । रामेश्वरम में अखबारों की जुमला एक हजार प्रतियाँ बिकती थीं ।