पाठ | बसंत की सच्चाई - मॉडल प्रश्नोत्तर:
SSLC छात्राओं के परीक्षा तैयारी करने के लिए ऑनलाइन में ही घर बैठकर अभ्यास करने के लिए तृतिय भाषा हिंदी विषय का पाठ: बसंत की सच्चाई का मॉडल प्रश्नोत्तर यंहा पर उपलब्द किया गया है।
छात्राओं किसी भी समय इस पेज को अपने सुविधाओं के अनुसार देखकर इसका अभ्यास बार बार कर सकते है।
यह प्रश्नोत्तरों को बार बार चयन करने से, SSLC परीक्षा में अच्छे अंको को प्राप्त करने के लिए बहुत सहायता होगी।
बसंत की सच्चाई
सारांश
बसंत नाम का एक गरीब शरणार्थी लड़का था। वह अपने भाई प्रताप के साथ भीखू अहीर के घर में रहता था।वे दोनों अनाथ थे । दंगों में उनके माता-पिता मर चुके थे।बसंत एक स्वाभिमानी लड़का था। बाजार में बटन, दियासलाई,छलनी आदी चीजें बेचता था।एक दिन की बात है उसकी कोई चीजें बिकी नहीं थीं। तभी मजदूरों नेता पंडित राजकिशोर आते हैं। चीजें खरिदने के लिए बसंत उनसे बार बार विनती करता है तो वे दो पैसे भीख देना चाहते हैं। बसंत के भीख लेने से इनकार करने पर उसके स्वाभिमान से प्रेरित होकर छलनी खरिदते हैं और बदले में एक रूपये देते हैं।पंडित राजकिशोर को साडे चौदह आने लौटाने थे। नोट भुनाने के लिए बसंत चला गया मगर कई समय तक वापस लौटा नहीं।पंडित राजकिशोर के पैसे लौटाने प्रताप किशनगंज आया।वास्तव में नोट भुनाकर लौटते समय बसंत मोटर के नीचे आगया था।उसके पैर कुचले गये थे।वह बेहोश हो गया था। होश आने पर उसीने प्रताप को किशनगंज भेजा था । पंडित राजकिशोर परदुःख कातर व्यक्ति थे।बसंत के बारे में सुनकर वे खुद अहीर टीला आये।अमरसिंह से कहकर डा. वर्मा को अहीर टीला बुलवाया।घायल बसंत की चिकित्सा की।
ಕನ್ನಡ ಸಾರಾಂಶ
ಬಸಂತ ಎಂಬ ಒಬ್ಬ ಬಡ ಅನಾಥ ಹುಡುಗನಿದ್ದನು. ಅವನು ತನ್ನ ತಮ್ಮ ಪ್ರತಾಪನ ಜೊತೆಗೆ ಭಿಖು ಎಂಬ ಗೊಲ್ಲನ ಮನೆಯಲ್ಲಿ ಇರುತ್ತಿದ್ದನು. ದಂಗೆಯಲ್ಲಿ ಅವರ ತಂದೆ-ತಾಯಿ ಮರಣ ಹೊಂದಿದ್ದರು. ಬಸಂತ ಒಬ್ಬ ಸ್ವಾಭಿಮಾನಿ ಹುಡುಗನಾಗಿದ್ದ. ಪೇಟೆಯಲ್ಲಿ ಬೆಂಕಿ ಪೊಟ್ಟಣ, ಬಟನ್, ಸಾಣಿಗೆಯನ್ನು ಮಾರುತ್ತಿದ್ದ. ಒಂದು ದಿನ ಅವನ ಯಾವ ವಸ್ತುಗಳು ಮಾರಾಟವಾಗಿರಲಿಲ್ಲ. ಅದೆ ಸಮಯಕ್ಕೆ ಕಾರ್ಮಿಕರ ನಾಯಕ ಪಂಡಿತ ರಾಜ ಕಿಶೋರರು ಅಲ್ಲಿ ಆಗಮಿಸುತ್ತಾರೆ. ಬಸಂತ ಅವರಲ್ಲಿ ಸಾಕಷ್ಟು ಬಾರಿ ಖರೀಧಿ ಮಾಡಲು ವಿನಂತಿ ಮಾಡಿದಾಗ ಎರಡು ಪೈಸೆ ಭಿಕ್ಷೆ ನೀಡಲು ಮುಂದಾಗುತ್ತಾರೆ. ಆದರೆ ಬಸಂತ ಭಿಕ್ಷೆ ಪಡೆಯಲು ನಿರಾಕರಿಸಿದಾಗ ಅವನ ಸ್ವಾಭಿಮಾನದಿಂದ ಪ್ರೇರಣೆಗೊಂಡು ಸಾಣಿಗೆ ಖರೀಧಿಸಲು ಒಂದು ರೂಪಾಯಿ ನೀಡುತ್ತಾರೆ. ಪಂಡಿತ ರಾಜಕಿಶೊರರ ಹದಿನಾಲ್ಕುವರೆ ಆಣೆ ಮರಳಿಸಲು ಚಿಲ್ಲರೆ ಮಾಡಲು ಹೋದ ಬಸಂತ ಬಹಳ ಹೊತ್ತಿನವರೆಗೆ ಮರಳಿ ಬರುವುದಿಲ್ಲ. ಪಂಡಿತ ರಾಜ ಕಿಶೋರರ ಹಣವನ್ನು ಮರಳಿಸಲು ಪ್ರತಾಪ ಕಿಶನಗಂಜಗೆ ಬರುತ್ತಾನೆ. ವಾಸ್ತವದಲ್ಲಿ ಚಿಲ್ಲರೆ ಮಾಡಿ ಬರುವಾಗ ಅವನು ಗಾಡಿಯ ಕೆಳಗೆ ಬಂದಿದ್ದ. ಅವನ ಕಾಲುಗಳು ಜಜ್ಜಿ ಹೋಗಿದ್ದವು. ಅವನು ಎಚ್ಚರ ತಪ್ಪಿದ್ದ. ಎಚ್ಚರವಾದ ಮೇಲೆ ಅವನೆ ಪ್ರತಾಪನಿಗೆ ಕಳುಹಿಸಿ ಕೊಟ್ಟಿದ್ದ. ಪಂಡಿತ ರಾಜ ಕಿಶೋರರು ಪರದುಃಖ ಕಾತರದ ವ್ಯಕ್ತಿಯಾಗಿದ್ದರು. ಬಸಂತನ ಕುರಿತಾಗಿ ಕೇಳಿ ಅವರೇ ಸ್ವತಃ ಅಹೀರ ಟೀಲಾ ಬಂದರು. ಅಮರಸಿಂಹನಿಗೆ ಹೇಳಿ ಡಾ. ವರ್ಮಾರನ್ನು ಅಲ್ಲಿಗೆ ಕರೆಸಿಕೊಂಡರು ಹಾಗೂ ಬಸಂತನಿಗೆ ಚಿಕಿತ್ಸೆ ನೀಡಿದರು.
प्रश्नोत्तर
अनुरूपता प्रश्न
उत्तर: अहीर टीला ।
उत्तर: अनाथ बच्चा।
उत्तर : सेवक।
उत्तर : डॉक्टर|
एक अंक के प्रश्नोत्तर
उत्तर: बसंत बटन, छलनी, दिया सलाई आदि बेचता था|
उत्तर: बसंत के छोटे भाई का नाम प्रताप था।
उत्तर : पंडित राजकिशोर मजदूरों के नेता थे।
उत्तर : छलनी का दाम दो आना था|
उत्तर : बसंत और प्रताप भीखू अहीर के घर में रहते थे|
उत्तर : बसंत की सच्चाई एकांकी में तीन दृश्य है।
उत्तर : एकांकी का प्रथम दृश्य नगर के बाजार में घटता है।
उत्तर : बसंत के घर पर डॉक्टर को अमरसिंह ले आया।
उत्तर : पंडित राजकिशोर के अनुसार बसंत में निहित दुर्लभ गुण ईमानदारी है।
उत्तर : पंडित राजकिशोर किशनगंज में रहते थे|
दो अंकवाले प्रश्नोत्तर
उत्तर: छलनी से दूध, चाय आदि छान सकते हैं।
उत्तर: बसंत राज किशोर से विनती करता है कि साहब सवेरे से कुछ भी व्यापार नहीं हुआ है। आप एक छलनी ले लीजिए। छलनी का दाम सिर्फ दो आना है।
उत्तर : बसंत एक स्वाभिमानी और ईमानदार लड़का है। वह भीख माँगना नहीं चाहता था। इसलिए बसंत राजकिशोर से दो पैसे लेने से इनकार करता है ।
उत्तर : बसंत नोट भुना कर लौट रहा था तब मोटर के नीचे आकर दुर्घटना ग्रस्त हो गया| उसके पैर कुचले गये वह बेहोश हो गया इसलिए वह राजकिशोर के पास नहीं लौटा]
उत्तर : प्रताप बसंत का छोटा भाई था।बसंत राज किशोर जी को साढ़े चौदह आने वापस देना था| लेकिन बसंत दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण नहीं दे सका था।इसलिए प्रताप अपने भाई के आदेश के अनुसार पैसे वापस देने राजकिशोर के घर आया था।
उत्तर : बसंत के पैर देखकर डॉक्टर ने कहा कि एक पैर ठीक है। दूसरे पैर की हड्डी टूट गई है। इसे स्क्रीन करके देखना होगा। इसे अभी तुरंत अस्पताल ले जाना होगा|
चार अंकवाले प्रश्नोत्तर
उत्तर: बसंत एक गरीब शरणार्थी लडका था।वह अपने भाई प्रताप के साथ भीखू अहीर के घर में रहता था। वह बाजार में छलनी, बटन, दियासलाई आदि चीजों को बेच कर अपना जीवन बिताता था।गरीब था लेकिन वह भीख माँगना नहीं चाहता था| नोट भुनाकर वापस आते समय वह मोटर के नीचे आ गया।उसके दोनों पैर कुचले गए। वह बेहोश हो गया । जब उसे होश आया तो राजकिशोर जी के साढ़े चौदह आने लौटाने के लिए प्रताप को किशनगंज भेजता है।इससे हम कह सकते हैं कि वह एक ईमानदार और स्वभिमानी लडका है।
उत्तर : विष्णु प्रभाकर जी द्वारा लिखित बसंत की सच्चाई एकांकी में राजकिशोर जी का पात्र बहुत ही महत्वपूर्ण और मानवीयता से भरा हुआ है। वे मजदूरों के नेता थे| बसंत की विनती और स्वाभिमान गुण से प्रेरित होकर न चाहने पर भी एक छलनी खरीदते हैं|जब बसंत के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर मिली तो वे खुद बसंत को देखने के लिए अहीर टीला जाते हैं।डॉक्टर को बुलवाकर उसकी इलाज करवाते हैं।