पाठ | अभिनव मनुष्य - मॉडल प्रश्नोत्तर:
SSLC छात्राओं के परीक्षा तैयारी करने के लिए ऑनलाइन में ही घर बैठकर अभ्यास करने के लिए तृतिय भाषा हिंदी विषय का पाठ: अभिनव मनुष्य का मॉडल प्रश्नोत्तर यंहा पर उपलब्द किया गया है।
छात्राओं किसी भी समय इस पेज को अपने सुविधाओं के अनुसार देखकर इसका अभ्यास बार बार कर सकते है।
यह प्रश्नोत्तरों को बार बार चयन करने से, SSLC परीक्षा में अच्छे अंको को प्राप्त करने के लिए बहुत सहायता होगी।
अभिनव मनुष्य
कविता का आशय
कवि रामधारीसिंह दिनकरजी इस पद्यभाग में वैज्ञानिक युग और आधुनिक मानव का विश्लेषण करते हैं। कवि दिनकर जी इस कविता द्वारा यह संदेश देना चाहते हैं कि आज के मानव ने प्रकृति के हर तत्व पर विजय प्राप्त कर ली है। परंतु कैसी विडंबना है कि उसने स्वयं को नहीं पहचाना, अपने भाईचारे को नहीं समझा। प्रकृति पर विजय प्राप्त करना मनुष्य की साधना है, मानव-मानव के बीच स्नेह का बाँध बाँधना मानव की सिद्धि है। जो मानव दूसरे मानव से प्रेम का रिश्ता जोड़कर आपस की दूरी को मिटाए, वही मानव कहलाने का अधिकारी होगा।
ಕವಿತೆಯ ಆಶಯ
ಕವಿ ರಾಮಧಾರಿ ಸಿಂಹ ದಿನಕರರವರು ಈ ಪದ್ಯದಲ್ಲಿ ವೈಜ್ಞಾನಿಕ ಯುಗ ಮತ್ತು ಆಧುನಿಕ ಮಾನವನನ್ನು ವಿಶ್ಲೇಷಿಸಿದ್ದಾರೆ. ಇಂದಿನ ಮಾನವನು ಪ್ರಕೃತಿಯ ಪ್ರತಿಯೊಂದು ಅಂಶದ ಮೇಲೆ ವಿಜಯವನ್ನು ಸಾಧಿಸಿದ್ದಾನೆ. ಆದರೆ ಅವನು ತನ್ನನ್ನು ತಾನು ಅರಿತುಕೊಳ್ಳಲಿಲ್ಲ. ಅವನಲ್ಲಿ ಸಹೋದರತ್ವದ ಭಾವನೆ ಕಡಿಮೆಯಾಗುತ್ತಿದೆ ಎಂಬುದು ತುಂಬಾ ದುಃಖದ ಸಂಗತಿ. ಮನುಷ್ಯನು ಪ್ರಕೃತಿಯನ್ನು ಗೆಲ್ಲುವುದೇ ತನ್ನ ದೊಡ್ಡ ಸಾಧನೆ ಎಂದು ತಿಳಿದಿದ್ದಾನೆ. ಆದರೆ ಕವಿಯ ಪ್ರಕಾರ ಒಬ್ಬ ಮನುಷ್ಯ ಇನ್ನೊಬ್ಬ ಮನುಷ್ಯನನ್ನು ಪ್ರೀತಿಯಿಂದ ಕಾಣುತ್ತಾನೋ, ಅವನೇ ನಿಜವಾದ ಮಾನವ, ಅವನೇ ನಿಜವಾದ ಸಾಧಕ.
प्रश्नोत्तर
एक अंक के प्रश्नोत्तर
उत्तरः आज की दुनिया में विचित्र और नवीन है।
उत्तरः मानव के हुक्म पर “ पवन का ताप " चढ़ता और उतरता है ।
उत्तरः आज मनुष्य का यान गगन में जा रहा है ।
दो अंकवाले प्रश्नोत्तर
उत्तरः कवि रामधारीसिंह दिनकरजी इस पद्यभाग में वैज्ञानिक युग और आधुनिक मानव का विश्लेषण करते है। कवि दिनकर जी इस कविता द्वारा यह संदेश देना चाहते हैं कि आज के मानव ने प्रकृति के हर तत्व पर विजय प्राप्त कर ली है। परंतु कैसी विडंबना है कि उसने स्वयं को नहीं पहचाना, अपने भाईचारे को नहीं समझा। प्रकृति पर विजय प्राप्त करना मनुष्य की साधना है, मानव-मानव के बीच स्नेह का बाँध बाँधना मानव की सिद्धि है। जो मानव दूसरे मानव से प्रेम का रिश्ता जोड़कर आपस की दूरी को मिटाए, वही मानव कहलाने का अधिकारी होगा।