सूर–श्याम

सारांश

कवि परिचय : सूरदास

महाभक्त कवि सूरदास हिंदी साहित्याकाश के सूर्य माने जाते हैं। कहा जाता है कि सूर, सूर्य के समान, तो तुलसी ससी अर्थात शशि (चंद्र) के समान हैं। इन्हें भक्तिकाल की सगुण भक्तिधारा की कृष्णभकती-शाखा के प्रवर्तक माना जाता है। कहा जाता है कि, इनका जन्म उत्तर प्रदेश के रुनकता गाँव में सन् 1540 को हुआ था। कहा जाता है कि, सूरदास जन्म से ही अंधे थे। महाकवि सूरदास बाल मनोविज्ञान के महान पंडित थे। बाल मनोविज्ञान के अद्भुत ज्ञान ने वात्सल्य रस के वर्णन में इनकी बहुत सहायता की है। इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं - 'सूर-सागर', 'सूर-सारावलि' एवं 'साहित्य-लहरी'। इनके काव्यों में वात्सल्य, शृंगार, तथा भक्ति का त्रिवेणी संगम हुआ है। इनकी भाषा ब्रज मानी जाती है। इनकी मृत्यु सन् 1642 को हुई।

पद का आशय तथा भावार्थ

सूर श्याम कविता की पंक्तियों में भाई बलराम के प्रति कृष्ण की शिकायत का मोहक वर्णन किया गया है। कृष्ण अपनी माँ यशोदा से शिकायत करता है कि भाई मुझे बहुत चिढाता है । वह मुझसे कहता है कि तुम्हें यशोदा माँ ने जन्म नहीं दिया है बल्कि तुम्हें मोल लिया गया है। इसी गुस्से के कारण मैं उसके साथ खेलने नहीं जाता। वह मुझसे बार - बार पूछता है कि तुम्हारे माता पिता कौन हैं? वह यह भी कहता है कि नंद और यशोदा तो गोरे हैं, लेकिन तुम्हारा शरीर काला क्यों है? उसकी ऐसी हँसी - मज़ाक सुनकर मेरे सब ग्वाल मित्र चुटकी बजा – बजाकर हँसते हैं। उन्हें बलराम ने ही ऐसा करना सिखाया है। माँ तुमने मुझे सिर्फ मारना ही सीखा है और भाई पर कभी गुस्सा नहीं करती। कृष्ण के क्रोधयुत मुख को और उसकी बातों को सुनकर यशोदा खुश हो जाती है। वह कहती है हे कृष्ण! सुनो, बलराम जन्म से ही चुगलखोर है। मैं गोधन की कसम खाकर कहती हूँ, मैं ही तेरी माता हूँ और तुम मेरे पुत्र हो। इस पद में सूरदास ने बालकृष्ण के भोलेपन और यशोदा के वात्सल्य का मार्मिक चित्रण किया है।

ಕನ್ನಡ ಸಾರಾಂಶ

ಪ್ರಸ್ತುತ ಸಾಲಿನಲ್ಲಿ ಕೃಷ್ಣ ತನ್ನ ಸಹೋದರನಾದ ಬಲರಾಮನ ಮೇಲೆ ದೂರನ್ನು ಕೊಡುವ ಸಂದರ್ಭವನ್ನು ರಮಣೀಯವಾಗಿ ವರ್ಣಿಸಿದ್ದಾರೆ. ಕೃಷ್ಣ ತನ್ನ ತಾಯಿಯಿಂದ ಯಶೋಧೆಯ ಹತ್ತಿರ ದೂರು ಸಲ್ಲಿಸುವುದೇನೆಂದರೆ ಅಣ್ಣ ಬಲರಾಮನು ನನ್ನನ್ನು ಅಣಕಿಸಿಕೊಳ್ಳುತ್ತಾನೆ. ಅಣ್ಣನು ನನಗೆ ಹೇಳುತ್ತಾನೆ. -"ಯಶೋಧರೆಯು ನಿನಗೆ ಜನ್ಮವನ್ನು ನೀಡಿಲ್ಲ. ಅವರು ನಿನ್ನನು ಕೊಂಡು ಕೊಂಡಿದ್ದಾರೆ". ನನಗೆ ಈ ವಿಚಾರದಲ್ಲಿ ಅಣ್ಣನ ಮೇಲೆ ಕೋಪವಿರುವುದರಿಂದ ಅವನ ಜೊತೆ ನಾನು ಆಟ ಆಡಲ ಹೋಗುವುದಿಲ್ಲ. ಅವನು ನನಗೆ ಪದೇ ಪದೇ ಕೇಳುತ್ತಾನೆ. ನಿನ್ನ ತಂದೆ ತಾಯಿ ಯಾರು ಎಂದು. ಅವನು ಇದು ಸಹ ಹೇಳುತ್ತಾನೆ. ನಂದ ಮತ್ತು ಯಶೋಧರು ಬೆಳ್ಳಗಿದ್ದಾರೆ. ಆದರೆ ನೀನು ಏಕೆ ಕಪ್ಪು ಬಣ್ಣ ಉಳವನಾಗಿದ್ದೀಯ. ಅವನು ಈ ರೀ ಕೇಳುವ ತಮಾಷೆಯನ್ನು ಕೇಳು ನನ್ನ ಎಲ್ಲಾ ಗೊಲ್ಲ ಮಿತ್ರರು ಚಿಟಕಿ ಹೊಡೆದು ನಗುತ್ತಾರೆ. ಈ ರೀತಿ ಮಾಡು ಎಂದ ಬಲರಾಮನೆ ಹೇಳಿಕೊಟ್ಟಿರುತ್ತಾನೆ. ಅಮ್ಮ ನೀನು ಕೇವಲ ನನಗೆ ಹೊಡೆಯುವುದನ್ನು ಕಲಿತಿದ್ದೀಯಾ, ಆದರೆ ನೀನು ಅಣ್ಣನ ಮೇಲೆ ಏಕೆ ಕೋಪ ಮಾಡಿಕೊಳ್ಳುವುದಿಲ್ಲ? ಕೃಷ್ಣನ ಮುಖ ಕೋಪದಿಂದ ಕೂಡಿತ್ತು ಹಾಗೂ ಕೃಷ್ಣನ ಮಾತನ್ನು ಕೇಳಿ ಯಶೋಧ ಸಂತೋಷಪಡುತ್ತಾಳೆ, ಯಶೋಧ ಹೇಳುತ್ತಾಳೆ ಕೃಷ್ಣ ಕೇಳು ಬಲರಾಮ ಹುಟ್ಟಿನಿಂದಲೇ ಚಾಡಿಕೋರನಾಗಿದ್ದಾನೆ. ನಾದ ಗೋವುಗಳ ಮೇಲೆ ಆಣೆ ಮಾಡಿ ಹೇಳುತ್ತೇನೆ. ನಾನು ನಿನ್ನ ತಾಯಿ ನೀನೆ ನನ್ನ ಪುತ್ರ, ಈ ಪದ್ಯದಲ್ಲಿ ಸೂರದಾಸರ ಬಾಲಕೃಷ್ಣನ ಮುಗ್ಧತೆ ಹಾಗೂ ಯಶೋಧೆಯವರ ವಾತ್ಸಲ್ಯದ ಚಿತ್ರಣವನ್ನು ಈ ರೀತಿ ವ್ಯಕ್ತಪಡಿಸಿದ್ದಾರೆ.

प्रश्नोत्तर

एक अंक के प्रश्नोत्तर

उत्तर: सूरदास का जन्म सन् 1540 में उत्तर-प्रदेश के रुनकता गाँव में हुआ था|

उत्तर: सूरदास की प्रमुख रचनाएँ सूर-सागर, सूर-सारावली, एवं साहित्य लहरी हैं।

उत्तर : सूरदास के काव्य में वात्सल्य, शृंगार, तथा भक्ति का त्रिवेणी संगम हुआ है।

उत्तर : 'सूर-श्याम' पद के रचयिता सूरदास हैं।

उत्तर : बालकृष्ण यशोदा मैया से शिकायत करता है।

उत्तर : कृष्ण की शिकायत भाई बलराम के प्रति है।

उत्तर : बलराम के अनुसार कृष्ण को मोल लिया गया है।

उत्तर : बलराम कृष्ण के प्रति कहता है कि यशोदा मैया ने तुम्हें जन्म नहीं दिया।

उत्तर : कृष्ण बलराम के साथ खेलने नहीं जाना चाहता क्यों कि बलराम उसे चिढ़ाता है।

उत्तर : बलराम कृष्ण को बार-बार तुम्हारे माता-पिता कौन हैं? यह पूछकर चिढ़ाता है।

उत्तर : बलराम कृष्ण से माता-पिता के बारे में यह कहता है कि नंद और यशोदा गोरे हैं।

उत्तर : यशोदा और नंद का रंग गोरा था।

बालकृष्ण का रंग काला था।

चुटकी दे-देकर ग्वाल-मित्र हँसते और चिढ़ा रहे थे।

कृष्ण का दाऊ बलराम था।

ग्वाल-मित्र कृष्ण को बलराम के कहने पर चिढ़ा रहे थे।

कृष्ण के अनुसार यशोदा कृष्ण को मारती है, और बलराम पर कभी भी क्रोध नहीं करती है।

यशोदा बालकृष्ण के भोले क्रोधित मुख को देखकर मोहित होती है।

यशोदा के अनुसार बलराम जन्म से ही दुष्ट है।

यशोदा गोधन की कसम खाती है।

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दो अंकवाले प्रश्नोत्तर

उत्तर: बाल कृष्ण अपनी माता से शिकायतें करता है कि, हे! मैया मुझे भैया बहुत चिढ़ाता है और मुझसे कहता है कि, मुझे तुम खरीद कर लाई हो, मुझे तुमने जन्म नहीं दिया है। बार-बार मुझसे पूछता है,कि तुम्हारी माँ और तुम्हारे पिता कौन हैं? नंद और यशोदा गोरे हैं; परंतु तुम क्यों काले शरीर वाले हो? कहकर चिढ़ाता है। उसकी यह हँसी- मजाक देखकर अन्य ग्वाल मित्र चुटकी बजा-बजाकर हँसते और चिढ़ाते रहते हैं। बलराम ने ही सभी मित्रों को ऐसा करना सिखाया है।

उत्तर: कृष्ण को पुचकारकर सांत्वना देते हुए माता यशोदा कहती है कि, सुनो कान्हा बलराम जन्म से ही पीठ पीछे बुराई करनेवाला चुगलखोर और दुष्ट है। गोधन की कसम खाकर कहती है कि मैं ही तुम्हारी माता हूँ और तुम मेरे पुत्र हो। यह कहकर यशोदा कृष्ण के क्रोध को शांत करती है।

उत्तर : बलराम कृष्ण को यह कहकर चिढाता है कि, कृष्ण को यशोधा मैया खरीद कर लाई है। बलराम बार-बार कृष्ण से पूछता है, कि तुम्हारी माँ और तुम्हारे पिता कौन है? नंद और यशोदा गोरे हैं; परंतु तुम क्यों साँवले शरीर वाले हो? कहकर चिढ़ाता है। उसकी यह हँसी- मज़ाक देख कर अन्य ग्वाल मित्र चुटकी बजा-बजाकर हँसते और चिढ़ाते रहते हैं।

उत्तर : कृष्ण अपनी माता यशोदा के प्रति इसलिए नाराज़ है क्यों कि, कृष्ण के अनुसार यशोधा मैया ने केवल कृष्ण को ही मारना सीखा है और अब तक बलराम पर कभी भी गुस्सा नहीं किया है।