कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

सारांश

कोशिश करने से हमेशा जीत कैसे मिलती है इसे कवि सोहनलाल द्विवेदी जी कुछ उदहरणों के द्वारा बताते हैं।पहले उदाहरण में बताते हैं एक नौका लहरों के डर से किनारे नहीं आती है।नन्हीं चींटी दाना ले जाने के समय दीवारों पर सौ बार चढ़कर सौ बार पिसलती है । मन का विश्वास रगों में साहस भरता है । चढ़कर गिरता है और गिरकर चढ़ने के लिए डरता नहीं है । अंत में चींटी की मेहनत बेकार नहीं होती है। गोताखोर सागर में डुबकियाँ लगातार लगाकर खाली हाथ वापस लौटकर आता है । सहज पानी में मोती नहीं मिलते है, उसके लिए गहरे पानी में जाना पडता है । इससे उसका उत्साह दुगना बढता रहता है । अंत में उसका हाथ खाली नहीं रहता है। असफलता से सफलता की ओर जाने के बारे में कवि संदेश देते हुए कहते है कि, असफलता एक चुनौती है, हमें इसे स्वीकार करना चाहिए। असफलता क्यों हो रही है, इसे पहचानकर गलतियों को सुधारना चाहिए। जब तक हम हमारे काम में सफल नहीं होते तब तक नींद और चैन को त्याग देना चाहिए । संघर्ष का मैदान छोड़कर हमें भागना नहीं चाहिए। हम कुछ किये बिना हमारा जय-जयकार नहीं होती है।

ಕನ್ನಡ ಸಾರಾಂಶ

ಈ ಪದ್ಯದಲ್ಲಿ ಪ್ರಯತ್ನಪಟ್ಟರೆ ಯಶಸ್ಸು ದೊರೆಯುತ್ತದೆ ಎಂಬ ಸಂದೇಶ ನೀಡಲಾಗಿದೆ . ಜೀವನವೆಂಬ ಸ್ಪರ್ಧೆಯಲ್ಲಿ ಸೋಲಿನಿಂದ ಮುಖ ತಿರುಗಿಸದೆ ತಮ್ಮ ಕೊರತೆಗಳನ್ನು ಗುರುತಿಸಿ ಸ್ವ - ಪ್ರಯತ್ನದಿಂದ ಹಲವಾರು ಬಾರಿ ಪ್ರಯತ್ನಪಟ್ಟರೆ ಯಶಸ್ಸು ಕಟ್ಟಿಟ್ಟ ಬುತ್ತಿ ಅವರಿಗೆ ಸೋಲೆಂಬುದಿಲ್ಲ ಎಂಬುದನ್ನು ವರ್ಣಿಸಿದ್ದಾರೆ. - ದೋಣಿ ಅಲೆಗಳಿಗೆ ಹೆದರಿ ದಾಟಿ ಮುಂದೆ ಹೋಗದೆ ಇರುವುದಿಲ್ಲ. ಕಷ್ಟವನ್ನು ದಿಟ್ಟತನದಿಂದ ಎದುರಿಸಲೇಬೇಕು . ಪ್ರಯತ್ನಪಡುವವರಿಗೆ ಸೋಲೆಂಬುದಿಲ್ಲ . ಒಂದು ಸಣ್ಣ ಇರುವೆಯೂ ಕೂಡಾ ಧಾನ್ಯವನ್ನು ಹೊತ್ತುಕೊಂಡು ಹೋಗುವಾಗ ಗೊಡೆ ಹತ್ತುತ್ತ ಬೀಳುತ್ತದೆ .ಬಿಳುತ್ತ - ಬಿಳುತ್ತ ಹತ್ತುತ್ತದೆ. ಈ ರೀತಿ ಸತತ ಪ್ರಯತ್ನಪಡುತ್ತ ತನ್ನ ಗುರಿ ಮುಟ್ಟಬಹುದೆಂಬ ವಿಶ್ವಾಸ ಕಣ ಕಣದಲ್ಲಿರು ವುದರಿಂದ ಪ್ರಯತ್ನಪಡುತ್ತದೆ . ಕೊನೆಗೊಮ್ಮೆ ಪ್ರಯತ್ನಕ್ಕೆ ಫಲ ದೊರೆಯುತ್ತದೆ . ಅದು ತನ್ನ ಗುರಿ ತಲುಪುತ್ತದೆ , ಪ್ರಯತ್ನಪಡುವವರಿಗೆ ಸೋಲೆಂಬುದಿಲ್ಲ . ನೀರಿನಲ್ಲಿ ಮುಳುಗುವವರು ಸಮುದ್ರದಲ್ಲಿ ಮುಳುಗಿ ಹಲವಾರು ಬಾರಿ ಆಳಕ್ಕೆ ತಲುಪಿದರು ಕೂಡಾ ಮುತ್ತು ದೊರೆಯುವುದಿಲ್ಲ . ಆದರೂ ಕೂಡಾ ಉತ್ಸಾಹದಿಂದ ಪ್ರತಿಬಾರಿ ಸಮುದ್ರದ ಆಳಕ್ಕೆ ತಲುಪುವದರಿಂದ ಯಾವತ್ತೂ ಬರಿಗೈಲಿ ಬರುವುದಿಲ್ಲ ಒಂದಿಲ್ಲೊಂದು ದಿನ ಮುತ್ತು ಕೈಗೆ ದೊರೆಯುತ್ತದೆ . ಆದ್ದರಿಂದ ಪ್ರಯತ್ನ ಪಡುವವರಿಗೆ ಸೋಲೆಂಬುದಿಲ್ಲ . ಪ್ರಯತ್ನಪಟ್ಟರೇ ಯಶಸ್ಸು ತಾನಾಗಿಯೇ ದೊರೆಯುತ್ತದೆ ಎಂಬುದು ಕವಿತೆಯ ಆಶಯ.ಅಸಫಲತೆ ಎಂಬುದೊಂದು ಸವಾಲು ಇದನ್ನು ಸ್ವೀಕರಿಸಬೇಕು. ಏನು ಕೊರತೆ ಇದೆ ನೋಡು ಮತ್ತು ಸುಧಾರಣೆ ಮಾಡು.ಎಲ್ಲಿಯವರೆಗೆ ಸಫಲತೆ ಸಿಗುವುದಿಲ್ಲವೊ ನಿದ್ರೆ ಹಾಗೂ ನೆಮ್ಮದಿಯನ್ನು ಬಿಡು ನೀನು.ಸಂಘರ್ಷದ ಮೈದಾನವನ್ನು ಬಿಟ್ಟು ಎಂದು ಹೋಗದಿರು ಪ್ರಯತ್ನಪಡುವವರಿಗೆ ಸೋಲೆಂಬುದಿಲ್ಲ.

असफलता एक चुनौती है , इसे स्वीकार करो ,
क्या कमी रह गई , देखो और सुधार करो ।
जब तक न सफल हो , नींद चैन को त्यागो तुम ,
संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम ।
कुछ किए बिना ही जय - जयकार नहीं होती ,
कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती ।

प्रश्नोत्तर

एक अंक के प्रश्नोत्तर

उत्तर: लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती।

उत्तर: कोशिश करनेवालों' की हार नहीं होती है ।

उत्तर : चींटी दाना लेकर चलती है ।

उत्तर : चींटी दीवार पर चढ़ती है।

उत्तर : कोशिश करनेवालों की मेहनत बेकार नहीं होती।

उत्तर : गोताखोर सागर में डुबकियाँ लगाता है ।

उत्तर : मोती सागर के गहरे पानी में मिलता है।

उत्तर : कोशिश करने वालों की मुट्ठी खाली नहीं होती है।

उत्तर : संघर्ष का मैदान छोड़कर भागना नहीं चाहिए ।

उत्तर : कुछ किये बिना ही जय – जयकार नहीं होती है।

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दो अंकवाले प्रश्नोत्तर

उत्तर: कवि सोहनलाल द्विवेदी चींटी के बारे में कहते हैं कि नन्हीं चींटी दाना ले जाने के समय दीवारों पर सौ बार चढ़कर सौ बार पिसलती है । मन का विश्वास रगों में साहस भरता है । चढ़कर गिरता है और गिरकर चढ़ने के लिए डरता नहीं है । अंत में चींटी की मेहनत बेकार नहीं होती है।

उत्तर: गोताखोर के बारे में कवि कहते हैं कि, गोताखोर सागर में डुबकियाँ लगातार लगाकर खाली हाथ वापस लौटकर आता है । सहज पानी में मोती नहीं मिलते है, उसके लिए गहरे पानी में जाना पडता है । इससे उसका उत्साह दुगना बढता रहता है । अंत में उसका हाथ खाली नहीं रहता है।

उत्तर : असफलता से सफलता की ओर जाने के बारे में कवि संदेश देते हुए कहते है कि, असफलता एक चुनौती है, हमें इसे स्वीकार करना चाहिए। असफलता क्यों हो रही है, इसे पहचानकर गलतियों को सुधारना चाहिए। जब तक हम हमारे काम में सफल नहीं होते तब तक नींद और चैन को त्याग देना चाहिए । संघर्ष का मैदान छोड़कर हमें भागना नहीं चाहिए। हम कुछ किये बिना हमारा जय-जयकार नहीं होती है।

चार अंकवाले प्रश्नोत्तर

उत्तर: कवि सोहनलाल द्विवेदी चींटी के बारे में बताते हुए कहते है कि, नन्हीं चींटी दाना ले जाने के समय दीवारों पर सौ बार चढ़कर सौ बार पिसलती है । मन का विश्वास रगों में साहस भरता है । चढ़कर गिरता है और गिरकर चढ़ने के लिए डरता नहीं है । अंत में चींटी का मेहनत बेकार नहीं होती है । कोशिश करनेवालों की कभी भी हार नहीं होती हैं।